
तुम्हें मेरे दर्द की मऱहम जो मिल जाए,
तो मुझसे छुपाना।
अब बनने लगी है इस दर्द से मेरी ,
आ गया है इसका साथ निभाना।
इसने अकेलेपन में भी मुझे अकेला ना छोड़ा।
अब ग़लत होगा मेरा इसे छोड़ जाना।
©Dr.Kavita
तुम्हें मेरे दर्द की मऱहम जो मिल जाए,
तो मुझसे छुपाना।
अब बनने लगी है इस दर्द से मेरी ,
आ गया है इसका साथ निभाना।
इसने अकेलेपन में भी मुझे अकेला ना छोड़ा।
अब ग़लत होगा मेरा इसे छोड़ जाना।
©Dr.Kavita