
कभी-कभी लगता है सबसे ज्यादा दर्द अपने हिस्से आयी है।
फिर देख लेती हूँ अपनी माँ का चेहरा।
तो हो जाता है अहसास कि बिन मांगे बेइंतिहा खुशियाँ भी हमने पायीं है।
कभी-कभी लगता है सबसे ज्यादा दर्द अपने हिस्से आयी है।
फिर देख लेती हूँ अपनी माँ का चेहरा।
तो हो जाता है अहसास कि बिन मांगे बेइंतिहा खुशियाँ भी हमने पायीं है।