
हम खुद से खुद का कहें हाल ,
तो वो फर्जी सा लगता है ।
और तुम ख़ुद-बख़ुद समझ जाओ।
ये तुम्हारी मर्जी पर निर्भर ,
हमारी किसी बेतुकी अर्जी सा लगता है ।
हम खुद से खुद का कहें हाल ,
तो वो फर्जी सा लगता है ।
और तुम ख़ुद-बख़ुद समझ जाओ।
ये तुम्हारी मर्जी पर निर्भर ,
हमारी किसी बेतुकी अर्जी सा लगता है ।