
मेरे एक-एक जज्बे की कायल है मेरी रूह।
कोशिश मेरी कैसी भी हो, छोटी या बड़ी,
मेरे कुछ करने भर से वो उछल पड़ती है खुशी से।
अच्छा लगता है उसे मेरा वो करना, जो मैं करना चाहती हूँ।
मुस्कुराती है वो जब मैं दूसरों के सोच की परवाह नहीं करती।
और सुकून पाती है,
जब जब मैं अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीती हूँ।
वो चाहती है, मैं अनसुना कर दूँ दुनिया जहान की बातें।
वो चाहती है, मैं सुनूँ सिर्फ उसकी,
या उनकी जो मुझसे स्नेह रखते हैं।
ज्यादा कुछ तो नहीं चाहती वो।
बस वो सोने के पिंजरे में बंद,
आसमान को ताकती किसी पंछी की तरह घुटना नहीं चाहती।
रूह मेरी सिर्फ जिंदा रहना नहीं चाहती,
वो जीना चाहती है।
©Dr.Kavita
वाह बहुत खूब!!
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शुक्रिया 🤗🤗
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Nice wording combination
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Thank you so much😊
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बहुत खूबसूरत अभिव्यक्त किया है 👏👏
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सराहना के लिए आपका धन्यवाद 🙏🤗🤗
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Wow I like parrots😃😊!!
Nice…!!!
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Glad you liked it💕💕
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Very deep and just touches the soul.💓❤️❤️
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Thank you so much for your kind words 💕🤗
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