वो पन्ने

दुनिया के सामने यूँ रोया ना करो,
टूटे हुए दिल से निकले शब्दों को

यूँ खोया ना करो।
बेहतर हो, तुम उन्हें पन्नों में उतार लो।
दर्द अपने सारे शब्दों में ढाल लो।
बिखरे वो पन्ने भले ना समझ पायें
कि तुम  बिखरे हो कितना।
पर शायद वो तुम्हें सहेज लें उतना,
कोई और सहेज ना पाए तुम्हें जितना।

©Dr.Kavita

68 thoughts on “वो पन्ने

  1. जब अंतर्मन की उमड़ी भावनाएं शब्दों में पिरो दी जाती है तो उनका भाव इस तरह छप जाता है।
    प्रशंसनीय।

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  2. Leave your tears on the page… it is better than your blood… let it stain the page… for such a mark should not remain on your heart… start afresh… the past should be left behind… then close the book… let yesterday remain… there…
    🇯🇲🏖️

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  3. First 2 lines were like 🤗🤗
    Too good “दुनिया के सामने यूँ रोया ना करो,
    टूटे हुए दिल से निकले शब्दों को यूँ खोया ना करो।”

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