धरती सिर्फ हमारी नहीं

धरती सिर्फ हमारी नहीं,
फिर हम क्यों हैं खड़े दूसरों के हिस्से को रौंदे?
हवाएं बहती हैं तो सिर्फ हमारे लिए नहीं।
तो क्यों है फ़ितरत हमारी
इसे अपने स्वार्थ के लिए विषाक्त बनाना?
क्यों हमारी आदत है अंधाधुंन कार चलाना, बेफिक्र धुआँ फैलाना?
खुद को सुविधाओं से लैस कर,
स्वंय के लिए हवा विशुद्धकरण के अनेकों उपचार लगाना,
और पौधों, जानवरों को दुविधाओं में धकेल आना।
सिर्फ अपने लिए सोचना और
जीवन को उनके विरक्त कर जाना।
ईश्वर का चमत्कार है,झरनों से
सबके लिए पानी गिराना।
फिर किस हक से हम इसका इस्तेमाल कर,
दूसरों के लिए इसे छोड़ जातें हैं गंदा?
किस हक से हम फेंक समुद्रों में कचरा-प्लास्टिक,
बनाते हैं दूसरें जीवों के गले के लिए फंदा।
पंछियों का काम है थक कर पेड़ों पर लौट आना ।
तो जो कम हों पेड़, तो लाज़िम है उनका विलुप्त हो जाना।
कितना उचित है हमारा जंगलों के जंगल काट आना?
घर अपना सजाने में, खुद के लिए कांक्रीट बिछाने में,
मासूम पौधों, पशु-पक्षीयों का जीवन कठिन-दुर्लभ बनाना?
अब भी समय है, हो सके तो इन सब सवालों पर गौर फरमाना।
केवल अपने लिए नहीं,
धरती पर रहने वाले दूसरें जीव-जंतुओं
का भी ख्याल अपने ध्यान में लाना।

©Dr.Kavita

30 thoughts on “धरती सिर्फ हमारी नहीं

  1. Very beautifully shaken the very existence of selfish human beings, interfering with nature and not judiciously using the gifts of nature. Hats off , to you. Very imp. Point raised!!!!😊

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  2. बहुत ख़ूबसूरत लेख 👌🌷पढ़ कर आप को सराहना करती हूँ 🙏👍🏻
    प्रकृति की सुन्दरता को कुछ लोग नष्ट करते है , क्या करूँ ? 🌷🙏🌷

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    1. हमें तो सिर्फ उसे सुंदर करना है और अंत तक उसी में लगना है। वो कहते है “हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगा युग सुधरेंगा” 😊
      पसंद करने के लिए आपका ह्रदय से आभार💕 🤗

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      1. ये वचन भी ठीक हैं 🌷👌हमारे यहाँ वातावरण साफ़ रखने के लिए हम बहुत कुछ की गयी है ,
        बहुत वृक्षों को हम न काटा है, पंचियां और तितलियाँ बहुत उड़ते फिरते है, बहुत सुन्दर और साफ़
        दिखाई देता है !! जंगल में वृक्ष काटते हैं और दूसरे पेड़ बोया करता है हमारे यहाँ और सुन्दर
        मौसम है इधर 👌☘️🌷🙏 शुभकामनाएँ 🙏

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  3. हम में से ज्यादातर लोग बेहतर जीवन के लिए बदलाव चाहते है। अपने आस-पास के प्राकृतिक वातावरण को देखकर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि बदलाव कैसा हो? क्या यह हम सबके और इस ग्रह के जीवन चक्र के अनुकूल होगा?

    दूसरी ओर, आपने कविता के साथ एक संदेश को जोड़कर दोनों को परिपूर्णता प्रदान की है। धन्यवाद। 😊✍️💐💐🌄

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